चैत्र महीना व्रत-त्योहार लिस्ट

Chaitra Tyohar List 2025: चैत्र माह में पड़ने वाले हैं ये त्योहार, देखिए व्रत त्योहार की पूरी लिस्ट 


चैत्र माह हिंदू पंचांग का पहला महीना होता है। इसे हिंदू नववर्ष की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। इसके अलावा यह वसंत ऋतु के खत्म होने का प्रतीक भी है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। यह त्योहार हमें धर्म, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ते हैं। इस दौरान त्योहारों पर विधि-विधान से पूजा करने पर सफलता प्राप्त होती है। इस बार चैत्र माह 2025 की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है और इसकी समाप्ति 12 अप्रैल को होगी। चलिए लेख के जरिए आपको उन त्योहारों के बारे में विस्तार से बताते हैं।



रंगपंचमी


रंगपंचमी का त्योहार होली के 5 दिन बाद मनाया जाता है। होली 14 को पड़ रही है, तो यह त्योहार 19 मार्च को मनाया जाएगा। इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि रंगपंचमी के दिन देवता धरती पर होली खेलने के लिए उतरते हैं।



चैत्र नवरात्रि


यह नौ दिवसीय पर्व मां दुर्गा के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसे साल में दो बार मनाया जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च को होगी और इसका समापन 6 अप्रैल को होगा। तिथियों के परिवर्तन के कारण अष्टमी और नवमी तिथि इस बार एक ही दिन पड़ेगी।



गुड़ी पड़वा


महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का त्योहार बड़े स्तर पर मनाया जाता है। इस दिन को नए साल की शुरुआत के रूप में देखा जाता है। इस बार यह त्योहार 30 मार्च को पड़ेगा। इस दिन से चैत्र नवरात्र की भी शुरुआत होगी।



रामनवमी


राम नवमी का पर्व भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस बार रामनवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी, जिसमें पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1:39 तक रहेगा।



हनुमान जन्मोत्सव


हनुमान जयंती चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस बार यह तिथि 12 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन भगवान हनुमान की पूजा करने से सभी तरह के कष्ट दूर होंगे।

इन त्योहारों के अलावा चतुर्थी व्रत जैसे और भी कई त्योहार चैत्र माह में आते हैं। इस दौरान विधि-विधान से पूजा करने पर मनचाहा फल प्राप्त होता है।


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रुक्मिणी अष्टमी पूजा विधि

सनातन धर्म के लोगों की भगवान कृष्ण से खास आस्था जुड़ी है। कृष्ण जी को भगवान विष्णु का ही एक अवतार माना जाता है, जो धैर्य, करुणा और प्रेम के प्रतीक हैं।

राम को देखकर श्री जनक नंदिनी (Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandini)

राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी, बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं

Main Balak Tu Mata Sherawaliye (मैं बालक तू माता शेरां वालिए)

मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥

अनंग त्रयोदशी की पूजा विधि क्या है?

अनंग त्रयोदशी हिंदू धर्म में प्रेम और दांपत्य जीवन को सुदृढ़ करने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इसे मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में यह तिथि 13 दिसंबर को पड़ रही है।

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