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प्रयागराज में संगम पर लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं या अपने पूर्वजों की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए बेहद उपयुक्त है। मान्यता है कि पितृ नाराज होने पर जातक की कुंडली में पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है। इससे व्यक्ति को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में महाकुंभ जाने का मन बना रहे हैं, तो वहां पितृ दोष से मुक्ति के लिए कुछ विशेष उपाय अवश्य करें।
धार्मिक मान्यता है कि पितृ देव के नाराज होने से व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है। यह दोष न केवल व्यक्ति के जीवन में बाधाएं उत्पन्न करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी प्रभावित कर सकता है। इन दिनों प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है, जो पितृ दोष से पीड़ित लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है। महाकुंभ पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए उत्तम अवसर माना गया है। इसके लिए स्नान, ध्यान और कुछ विशेष उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
महाकुंभ के दौरान संगम तट पर गंगा स्नान के पश्चात श्राद्ध कर्म करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इससे पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। पितरों के प्रसन्न होने पर जातक को पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने मात्र से ही अनेक पुण्य प्राप्त होते हैं। पितृ दोष से मुक्ति के लिए स्नान के समय थोड़ा-सा गंगाजल अपने हाथ में लें और पितरों का ध्यान करते हुए उन्हें अर्पित करें। साथ ही अपनी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें। यह सरल उपाय पितृ दोष को शांत करने में सहायक होता है।
महाकुंभ में स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना अत्यंत फलदायी माना गया है। सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही उनके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें। इसके साथ, साधु-संतों की सेवा करें और उनके सानिध्य में समय बिताएं। इन कर्मों से पितृ दोष शांत होता है और व्यक्ति को कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए महाकुंभ में दान-पुण्य करना शुभ माना गया है। आप अपनी क्षमता के अनुसार भोजन, अन्न, वस्त्र, सोना या चांदी का दान कर सकते हैं। साथ ही, गरीब और जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े दान करना भी पुण्यदायक होता है। इन शुभ कार्यों से पितृ दोष से राहत मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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