शनिवार की पूजा विधि

शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा किस विधि से करें, जानें पूजन सामग्री, मंत्र, नियम 


हिंदू धर्म में शनिवार का दिन विशेष रूप से भगवान शनिदेव से जुड़ा हुआ होता है। इसे "शनिवार व्रत" या "शनि व्रत" के रूप में मनाया जाता है। शनिवार का दिन शनि देव की पूजा और उपवास के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि शनि ग्रह को न्याय, कर्मफल और दंड का कारक माना जाता है। शनिवार के दिन विशेष रूप से शनिदेव के प्रति आस्था रखने वाले लोग व्रत रखते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिरों में जाते हैं। शनि के प्रभाव को सकारात्मक बनाने के लिए लोग इस दिन काले तिल, तेल, काले कपड़े, और अन्य चीज़ों का दान भी करते हैं। यह दिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए भी आदर्श माना जाता है। शनिवार का दिन कर्मों के फल का दिन होता है, और इसे कर्मों में सुधार लाने और शनि के दोष को दूर करने का अवसर माना जाता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में शनिदेव की पूजा के लिए सामग्री और विधि के साथ-साथ नियम और महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


शनिदेव की पूजा के लिए सामग्री 


  • काले तिल
  • सरसों का तेल
  • नीले फूल
  • शमी के पत्ते
  • धूप, दीप, कपूर
  • नैवेद्य
  • काली उड़द, काला तिल 
  • काले चने


शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा विधि


  • सबसे पहले, किसी मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा करना शुभ होता है।
  • स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • शनिवार के दिन शनिदेव को सरसो तेल अर्पित करें। 
  • शनिवार के दिन शनिदेव को नीले फूल चढ़ाएं। 
  • शनिवार के दिन शनिदेव को काले वस्त्र चढ़ाएं। 
  • शनिदेव को काली उड़द, तिल और गुड़ अवश्य चढ़ाएं। 
  • आप शनिवार के दिन शनिदेव को खिचड़ी का भोग लगाएं। 
  • इस दिन पूजा-अर्चना करने के दौरान शनिदेव के मंत्रों का जाप करें और शनि चालीसा का पाठ अवश्य करें। 
  • आखिर में शनिदेव की आरती करें। 


शनिदेव की पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप


शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने के दौरान मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। 


  • ऊं शं शनैश्चराय नमः
  • ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः
  • ऊं ह्लीं शनि देवाय नमः
  • ऊं शनि महाराजाय नमः
  • ऊं राहवे मंगलाय शनैश्चराय नमः
  • ऊं अर्धकाय महाकाय शनैश्चराय नमः


शनिदेव की पूजा करने के दौरान नियमों का पालन


  • शनिदेव की पूजा शनिवार के दिन सबसे उत्तम मानी जाती है। आप सुबह या शाम को पूजा कर सकते हैं।
  • शनिदेव की पूजा में लाल रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • शनिदेव की प्रतिमा को कभी भी पीठ नहीं दिखानी चाहिए।
  • शनिदेव की पूजा हमेशा शांत मन से करनी चाहिए।
  • शनिदेव की पूजा करने के दौरान उनकी आंखों में नहीं देखना चाहिए।


शनिदेव की पूजा का महत्व


शनिदेव व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देते हैं। जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, उन्हें शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। वहीं, जो लोग बुरे कर्म करते हैं, उन्हें शनिदेव के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। शनिदेव को कष्टों का कारक भी माना जाता है। लेकिन जो लोग सच्चे मन से उनकी पूजा करते हैं, उनके कष्ट दूर होते हैं। ज्योतिष में शनि को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। शनि की दशा व्यक्ति के जीवन में कई तरह के परिवर्तन लाती है। शनिदेव की पूजा करने से शनि के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। अगर किसी जातक की कुंडली में साढे़साती या ढैय्या के अशुभ प्रभाव चल रहे हैं तो उससे छुटकारा मिल सकता है। 


........................................................................................................
सन्तोषी माता/शुक्रवार की ब्रत कथा (Santhoshi Mata / Sukravaar Ki Vrat Katha

एक नगरमें एक बुढ़ियाके सात पुत्र थे, सातौके विवाह होगए, सुन्दर स्त्री घर में सम्पन्न थीं। बड़े बः पुत्र धंधा करते थे बोटा निठल्ला कुछ नहीं करता था और इस ध्यान में मग्न रहता था कि में बिना किए का खाता हूं।

मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा(Man Mera Mandir Shiv Meri Pooja)

ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
सत्य है ईश्वर,

सुध ले लो मेरी घनश्याम - भजन (Sudh Le Lo Meri Ghanshyam)

सुध ले लो मेरी घनश्याम,
आप आए नहीं,

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे(Tera Kisne Kiya Shringar Sanware)

तेरा किसने किया श्रृंगार सांवरे,
तू लगे दूल्हा सा दिलदार सांवरे ।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।