आरती प्रेतराज की (Aarti Pretraj Ki)

 ॥ आरती प्रेतराज की कीजै ॥ आरती प्रेतराज की कीजै.... दीन दुखिन के तुम रखवाले,संकट जग के काटन हारे। बालाजी के सेवक जोधा,मन से नमन इन्हें कर लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै.... जिनके चरण कभी ना हारे, राम काज लगि जो अवतारे। उनकी सेवा में चित्त देते, अर्जी सेवक की सुन लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै.... बाबा के तुम आज्ञाकारी, हाथी पर करे ये सवारी। भूत जिन्न सब थर-थर काँपे, अर्जी बाबा से कह दीजै। आरती प्रेतराज की कीजै.... जिन्न आदि सब डर के मारे, नाक रगड़ तेरे पड़े दुआरे। मेरे संकट तुरतहि काटो, यह विनय चित्त में धरि लीजै। आरती प्रेतराज की कीजै.... वेश राजसी शोभा पाता, ढाल कृपाल धनुष अति भाता। मैं आनकर शरण आपकी, नैया पार लगा मेरी दीजै। आरती प्रेतराज की कीजै....

बोलिये श्रीप्रेतराज सरकार की जय

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हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं(Hey Shiv Shambhu Namastubhyam)

हे शिव शम्भू नमस्तुभ्यं,
हे गंगाधर नमस्तुभ्यं,

माँ देख तेरा श्रृंगार, करे दिल नाचण का(Ma Dekh Tera Shringar Kare Dil Nachan Ka)

माँ देख तेरा श्रृंगार,
करे दिल नाचण का,

शीश गंग अर्धंग पार्वती (Sheesh Gang Ardhang Parvati)

शीश गंग अर्धंग पार्वती,
सदा विराजत कैलासी ।

खोलो समाधी भोले शंकर, मुझे दरश दिखाओ(Kholo Samadhi Bhole Shankar Mujhe Darsh Dikhao)

खोलो समाधी भोले शंकर,
मुझे दरश दिखाओ,