नवीनतम लेख
जिसने दी है मुझे पहचान, वो अंजनी का लाला है,
जिसने भी माँ की चौखट पे, सर को झुका लिया,
जिसने भी है सच्चे मन से, शिव भोले का ध्यान किया,
जिसको राम नाम रटना पसन्द है, उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है ॥
अर्घ कपाले झूलता, सो दिन करले याद ।
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा, हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।
जगत में कोई ना परमानेंट, जगत में कोई ना परमानेंट,
जिसने मरना सीखा लिया है, जीने का अधिकार उसी को ।
जिस पर हो हनुमान की कृपा, तकदीर का धनी वो नर है,
जिस काँधे कावड़ लाऊँ, मैं आपके लिए,