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जिसने दी है मुझे पहचान, वो अंजनी का लाला है (Jisne Di Hai Mujhe Pahchan Vo Anjani Ka Lala Hai)

जिसने दी है मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है,

जिससे परिवार मेरा खुशहाल,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


सालासर दरबार निराला,

यहाँ कटता है संकट सारा,

जो सुने भक्तो की फरियाद,

वो अंजनी का लाला है,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


कोई भक्त नहीं है ऐसा,

मेरे बालाजी के जैसा,

जिनके ह्रदय में है श्री राम,

वो राम जी का प्यारा है,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


ये दुनिया मतलब की साथी,

बालाजी बस साथ निभासी,

जिनके चरणों में जाऊं बलिहार,

वो बजरंग बाला है,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


मुश्किल घड़ियों में साथ निभाता,

जो बाबा को अरदास लगाता,

ऐसे महावीर से प्रीति लगा,

की होगा तेरा बेडा पार,

बालाजी करेंगे उद्धार,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


जिसने दी है मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है,

जिससे परिवार मेरा खुशहाल,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥

जो देना हो तो मईया, उपहार ये देना (Jo Dena Ho To Maiya Uphar Ye Dena)

जो देना हो तो मईया,
उपहार ये देना,

बुधवार व्रत की प्रामाणिक-पौराणिक कथा (Budhvaar Vrat Ki Praamaanik-Pauraanik Katha)

समतापुर नगर में मधुसूदन नामक एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत धनवान था। मधुसूदन का विवाह बलरामपुर नगर की सुंदर लड़की संगीता से हुआ था।

आरती श्री पितर जी की (Aarti of Shri Pitar Ji Ki)

जय पितरजी महाराज, जय जय पितरजी महाराज।
शरण पड़यो हूँ थारी, राखो हमरी लाज॥

माँ शारदे! हम तो हैं बालक तेरे(Maa Sharde Ham To Balak Hain Tere)

माँ शारदे, माँ शारदे,
माँ शारदे, माँ शारदे,