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जिसने दी है मुझे पहचान, वो अंजनी का लाला है (Jisne Di Hai Mujhe Pahchan Vo Anjani Ka Lala Hai)

जिसने दी है मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है,

जिससे परिवार मेरा खुशहाल,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


सालासर दरबार निराला,

यहाँ कटता है संकट सारा,

जो सुने भक्तो की फरियाद,

वो अंजनी का लाला है,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


कोई भक्त नहीं है ऐसा,

मेरे बालाजी के जैसा,

जिनके ह्रदय में है श्री राम,

वो राम जी का प्यारा है,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


ये दुनिया मतलब की साथी,

बालाजी बस साथ निभासी,

जिनके चरणों में जाऊं बलिहार,

वो बजरंग बाला है,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


मुश्किल घड़ियों में साथ निभाता,

जो बाबा को अरदास लगाता,

ऐसे महावीर से प्रीति लगा,

की होगा तेरा बेडा पार,

बालाजी करेंगे उद्धार,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥


जिसने दी है मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है,

जिससे परिवार मेरा खुशहाल,

वो अंजनी का लाला है,

जिसने दी हैं मुझे पहचान,

वो अंजनी का लाला है ॥

मैया सुनले मेरी अरदास (Maiya Sun Le Meri Ardas)

मैया सुनले मेरी अरदास,
सहारा मुझे दे दातिए,

सामा चकेवा का त्योहार

सामा चकेवा एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। इसे विशेषकर उत्तर भारत में मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहनों के प्यार और संबंध को समर्पित है।

बस इतनी तमन्ना है, श्याम तुम्हे देखूं (Bas Itni Tamanna Hai Shyam Tumhe Dekhun)

बस इतनी तमन्ना है,
बस इतनी तमन्ना है,

लट्ठमार होली कैसे खेली जाती है

बरसाने में लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है, जो इस साल 8 मार्च को पड़ रही है। यह त्योहार राधा-कृष्ण के प्रेम की लीलाओं को दर्शाता है।