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जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा(Jindagi Me Hajaro Ka Mela Juda)

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,

हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।

काल से बच ना पाएगा छोटा बड़ा,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥


ठाट सारे पड़े के पड़े रह गये,

सारे धनवा गढ़े के गढ़े रेह गये,

अन्त मे लखपति को ना ढेला मिला,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥


बेबसो को सताने से क्या फायदा,

झूठ अपजस कमाने से क्या फायदा,

दिल किसी का दुखाने से क्या फायदा,

नीम के सथ जेसे करेला जुड़ा,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥


राज राजे रहे, ना वो रानी रही,

ना बुढ़ापा रहा, ना जवानी रही,

ये तो कहने को केवल कहानी रही,

चार दिन का जगत मे झमेला रहा,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥


जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,

हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।

काल से बच ना पाएगा छोटा बड़ा,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥

श्री विन्धेश्वरी चालीसा (Shri Vindheshwari Chalisa)

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब ।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब ॥

चलो राम के धाम अयोध्या राम बुलाते है (Chalo Ram Ke Dham Ayodhya, Ram Bulate Hain)

श्री राम के भक्त सुनो,
ले भगवा हाथ में निकलो तुम

ओ पवन पुत्र हनुमान (Oh Pawan Putra Hanuman)

पवन तनय संकट हरण,
मंगल मूर्ति रूप,

अन्नपूर्णा जयंती पर कितने दीप जलाएं?

माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। इस कारण इस दिन भूल से भी किसी तरह के अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए।