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जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा(Jindagi Me Hajaro Ka Mela Juda)

जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,

हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।

काल से बच ना पाएगा छोटा बड़ा,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥


ठाट सारे पड़े के पड़े रह गये,

सारे धनवा गढ़े के गढ़े रेह गये,

अन्त मे लखपति को ना ढेला मिला,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥


बेबसो को सताने से क्या फायदा,

झूठ अपजस कमाने से क्या फायदा,

दिल किसी का दुखाने से क्या फायदा,

नीम के सथ जेसे करेला जुड़ा,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥


राज राजे रहे, ना वो रानी रही,

ना बुढ़ापा रहा, ना जवानी रही,

ये तो कहने को केवल कहानी रही,

चार दिन का जगत मे झमेला रहा,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥


जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,

हंस जब-जब उड़ा तब अकेला उड़ा ।

काल से बच ना पाएगा छोटा बड़ा,

हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा ॥

रथ सप्तमी व्रत के शुभ मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रखा जाने वाला रथ सप्तमी व्रत इस साल 4 फरवरी को है। यह व्रत प्रमुख रूप से सूर्य देव को समर्पित है। रथ सप्तमी को अचला सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है।

भोला भाला तू अंजनी का लाला (Bhola Bhala Tu Anjani Ka Lala)

भोला भाला तू अंजनी का लाला,
है बजरंग बाला,

छठ पूजा: मारबो रे सुगवा (Marbo Re Sugwa Dhanukh Se Chhath Puja Song)

ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से,
ओह पर सुगा मेड़राए।

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विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: जानिए सिंतबर में आने वाली विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत से होने वाले लाभ