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जिसने भी माँ की चौखट पे, सर को झुका लिया: भजन (Jisne Bhi Maa Ki Chaukhat Pe Sar Ko Jhuka Liya)

जिसने भी माँ की चौखट पे,

सर को झुका लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥


कैला करोली वाली माँ,

ममता की खान है,

ममता की खान है,

मैया के दर पे झुक रहा,

सारा जहान है,

सारा जहान है,

जिसने भी झोली फैलाई,

उसने ही पा लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥


नौ निद्ध अष्ट सिद्ध की,

दाता दयाली है,

दाता दयाली है,

ये ही है दुर्गा चामुंडा,

ये ही काली है,

ये ही काली है,

रोता गया जो द्वार पर,

उसको हँसा दिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥


कलयुग में कैला मैया का,

डंका है चारों ओर,

डंका है चारों ओर,

चरणों का बन जा ‘बावरा’,

होगी कृपा की कौर,

होगी कृपा की कौर,

‘चोखानी’ ने भी भजनो से,

माँ को रिझा लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥


जिसने भी माँ की चौखट पे,

सर को झुका लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया,

करके दया भवानी ने,

बाहों में उठा लिया ॥

लागी तुम संग यारी मेरे बांके बिहारी (Laagi Tum Sang Yaari Mere Banke Bihari)

लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,

वैकुंठ चतुर्दशी की कथा

वैकुंठ चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। ये कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव जी का पूजन एक साथ किया जाता है।

महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि पर ही मां पार्वती व भगवान शिव विवाह के बंधन में बंधे थे। महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव व माता पार्वती को समर्पित है।

विजया एकादशी व्रत नियम

विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।

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