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हे राम भक्त हनुमान तुझे, मैंने तो अब पहचान लिया,
हे राम भक्त हनुमान जी, मुझे ऐसी भक्ति दो,
हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,
हनुमान तुम्हारे सीने में, दुनिया का मालिक रहता है ॥
हनुमान तेरी कृपा का भंडारा चल रहा है, हर और घना अँधेरा मेरा दीप जल रहा है,
सारे हार गए जोर लगाई करके, हनुमान ने कर दिया काम,
हनुमानजी कभी मेरे घर भी पधारो, बुद्धि विवेक की बारिश करके,
हनुमान जी मिलेंगे, राम राम बोल,
हमने आँगन नहीं बुहारा, कैसे आयेंगे भगवान् ।
हमें निज धर्म पर चलना, सिखाती रोज रामायण,