नवीनतम लेख

हमने आँगन नहीं बुहारा (Hamne Aangan Nahi Buhara, Kaise Ayenge Bhagwan)

हमने आँगन नहीं बुहारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ।

मन का मैल नहीं धोया तो,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


हर कोने कल्मष-कषाय की,

लगी हुई है ढेरी ।

नहीं ज्ञान की किरण कहीं है,

हर कोठरी अँधेरी ।

आँगन चौबारा अँधियारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


हृदय हमारा पिघल न पाया,

जब देखा दुखियारा ।

किसी पन्थ भूले ने हमसे,

पाया नहीं सहारा ।

सूखी है करुणा की धारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


अन्तर के पट खोल देख लो,

ईश्वर पास मिलेगा ।

हर प्राणी में ही परमेश्वर,

का आभास मिलेगा ।

सच्चे मन से नहीं पुकारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


निर्मल मन हो तो रघुनायक,

शबरी के घर जाते ।

श्याम सूर की बाँह पकड़ते,

शाग विदुर घर खाते ।

इस पर हमने नहीं विचारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥


हमने आँगन नहीं बुहारा,

कैसे आयेंगे भगवान् ।

मन का मैल नहीं धोया तो,

कैसे आयेंगे भगवान् ॥

साँवरे सा कौन(Sanware Sa Kaun)

साँवरे सा कौन,
सांवरे सा कौन,

शरद पूर्णिमा 2024 तिथि: चांद से बरसता अमृत, जानें तारीख और शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा के बारे में कहा जाता है कि इस दिन रात को चंद्रमा की रोशनी से अमृत बरसता है। अश्विन मास की पूर्णिमा का ये दिन शरद ऋतु की शुरुआत माना जाता है।

नाग स्तोत्रम् (Nag Stotram)

ब्रह्म लोके च ये सर्पाःशेषनागाः पुरोगमाः।

अनंग त्रयोदशी के दिन प्रेमी जोड़ों के लिए विशेष उपाय

अनंग त्रयोदशी व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से प्रेम और दांपत्य जीवन के लिए महत्व रखता है।

यह भी जाने