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साँवरे सा कौन(Sanware Sa Kaun)

साँवरे सा कौन,

सांवरे सा कौन,

कोई मुझको बताओ तो सही,

क्यूँ हो सारे मौन,

सांवरे सा कौन ॥


कोई नहीं है मेरे,

साँवरे सा दानी,

कथा शीश दान वाली,

दुनियाँ ने मानी,

जय जयकार बुलाओ तो सही,

सांवरे सा कौन ॥


मेरा श्याम बाबा करता,

नीले की सवारी,

खाटू नगरिया लागे,

भगतों को प्यारी,

दर्शन करने को जाओ तो सही,

सांवरे सा कौन ॥


साथी बनालो अपना,

काली कमली वाला,

यही है वो खोलता जो,

किस्मत का ताला,

‘श्याम’ हाले दिल सुनाओ तो सही,

सांवरे सा कौन ॥


साँवरे सा कौन,

सांवरे सा कौन,

कोई मुझको बताओ तो सही,

क्यूँ हो सारे मौन,

सांवरे सा कौन ॥

मेरो राधा रमण गिरधारी (Mero Radha Raman Girdhaari)

मेरो राधा रमण गिरधारी,
गिरधारी श्याम बनवारी,

मन में है विश्वास अगर जो श्याम सहारा मिलता है(Man Mein Hai Vishwas Agar Jo Shyam Sahara Milta Hai)

मन में है विश्वास अगर जो,
श्याम सहारा मिलता है,

भगवत गीता चालीसा ( Bhagwat Geeta Chalisa )

प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||

ललिता चालीसा का पाठ

ललिता जयंती का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ललिता माता आदिशक्ति त्रिपुर सुंदरी जगत जननी हैं। मान्यता है कि देवी के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

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