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हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ(Hey Raja Ram Teri Aarti Utaru)

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ,

आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ ॥


कनक सिहासन रजत जोड़ी,

दशरथ नंदन जनक किशोरी,

युगल छबि को सदा निहारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


बाम भाग शोभित जग जननी,

चरण बिराजत है सुत अंजनी,

उन चरणों को सदा पखारू,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


आरती हनुमत के मन भाए,

राम कथा नित शिव जी गाए,

राम कथा हृदय में उतारू,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


चरणों से निकली गंगा प्यारी,

वंदन करती दुनिया सारी,

उन चरणों में शीश नवाऊँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


हे राजा राम तेरी आरती उतारूं,

आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥

गजानंद आँगन आया जी(Gajanand Aangan Aaya Ji )

म्हारा माँ गौरी का लाल,
गजानंद आंगन आया जी,

मंगलवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन विशेष रूप से हनुमान जी से जुड़ा हुआ है। यह दिन उनके भक्तों द्वारा पूजा-अर्चना करने के लिए निर्धारित किया गया है।

भगवान राम और माता शबरी की भेंट

माता शबरी रामायण की एक महत्वपूर्ण पात्र हैं, जिन्होंने भगवान राम की भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया था। शबरी ने भगवान राम और माता सीता की प्रतीक्षा में वर्षों तक वन में निवास किया था।

अमृत बेला गया आलसी सो रहा बन आभागा (Amrit Bela Geya Aalasi So Raha Ban Aabhaga)

बेला अमृत गया,
आलसी सो रहा बन आभागा,