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हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ(Hey Raja Ram Teri Aarti Utaru)

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ,

आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ ॥


कनक सिहासन रजत जोड़ी,

दशरथ नंदन जनक किशोरी,

युगल छबि को सदा निहारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


बाम भाग शोभित जग जननी,

चरण बिराजत है सुत अंजनी,

उन चरणों को सदा पखारू,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


आरती हनुमत के मन भाए,

राम कथा नित शिव जी गाए,

राम कथा हृदय में उतारू,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


चरणों से निकली गंगा प्यारी,

वंदन करती दुनिया सारी,

उन चरणों में शीश नवाऊँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥


हे राजा राम तेरी आरती उतारूं,

आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

अवध बिहारी तेरी आरती उतारूँ,

हे राजा राम तेरी आरती उतारूं ॥

गृह शांति पूजा विधि

हिंदू धर्म में एक परिवार के लिए उसका घर एक मंदिर की तरह होता है। ऐसे में वो नहीं चाहेगा, कि घर में किसी तरह की दिक्कत आए। इसी कारण से लोग घर के लिए गृह शांति पूजा करवाते हैं।

देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ(Dena Ho To Dijiye Janam Janam Ka Sath)

देना हो तो दीजिए,
जनम जनम का साथ ।

ओढ़ो ओढ़ो म्हारी जीण भवानी (Odho Odho Mhari Jeen Bhawani)

ओढ़ो ओढ़ो म्हारी माता रानी आज
भगत थारी चुनड़ ल्याया ए