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हनुमान तेरी कृपा का भंडारा चल रहा है (Hanuman Teri Kirpa Ka Bhandara Chal Raha Hai)

हनुमान तेरी कृपा का भंडारा चल रहा है,

हर और घना अँधेरा मेरा दीप जल रहा है,

कोई रहा ना बेबस ना कोई अभागा,

तूने दिया भगत को किस्मतो से ज़्यादा ॥


सुध बुध खोई मैंने मन हनुमान से जोड़ा,

अब काहे मैं सोचूं क्या पाया क्या छोड़ा ॥


सूखे में सावन सा तू कश्ती तूफानों की,

गिनती ना हो पाए तेरे एहसानो की,

भक्तों ने जब भी पुकारा तू आया दौड़ा दौड़ा,

क्या पाया क्या छोड़ा ॥


जो भी हनुमान को पूजे और चाहे सच्चे मन से,

कोसो दूर है रहता दुःख उसके जीवन से,

सबने दुःख में छोड़ा पर तूने मुख ना मोड़ा,

क्या पाया क्या छोड़ा ॥


भजन बिना चैन ना आये राम (Bhajan Bina Chain Na Aaye Ram)

बैठ के तु पिंजरे में,
पंछी काहे को मुसकाय,

भाद्रपद कृष्ण की अजा एकादशी (Bhaadrapad Krishn Ki Aja Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने कहा-हे जनार्दन ! आगे अब आप मुझसे भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का नाम और माहात्म्य का वर्णन करिये।

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी (Banke Bihari Krishan Murari)

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे,
दर्शन दीजो शरण में लीजो,

हम नैन बिछाए हैं, हे गणपति आ जाओ (Hum Nain Bichaye Hai Hai Ganpati Aa Jao)

हम नैन बिछाए है,
हे गणपति आ जाओ ॥

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