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शेरावाली माँ, आए तेरे नवराते (Sherawali Ma Aaye Tere Navraate)

शेरावाली माँ,

आए तेरे नवराते,

तेरा दरबार सजा के,

तुझको भक्त बुलाते,

शेरावाली मां,

आए तेरे नवराते ॥


अंगना में देखो मैया,

रंगोली सजाई,

लाल गुलाबो वाली,

लड़िया लगाई,

माँ तेरे सेवक सारे,

आये रंग उड़ाते,

शेरावाली मां,

आये तेरे नवराते ॥


पाँव की पायल तेरी,

छम छम बाजे,

झूम के बहना सारी,

तेरे संग नाचे,

ढोली ढोल बजावे,

तेरी महिमा गाते,

शेरावाली मां,

आये तेरे नवराते ॥


नवरातों की लागे,

रात सुहानी,

गरबा लेकर घूमे,

अम्बे भवानी,

तेरे हम दर्शन करके,

मन ही मन हर्षाते,

शेरावाली मां,

आये तेरे नवराते ॥


हम बालक है तू,

माता हमारी,

चरणों में तेरे मैया,

जाए वारि वारि,

तेरी राहो में हम तो,

दिल अपना बिछाते,

शेरावाली मां,

आये तेरे नवराते ॥


शेरावाली माँ,

आए तेरे नवराते,

तेरा दरबार सजा के,

तुझको भक्त बुलाते,

शेरावाली मां,

आए तेरे नवराते ॥

शिव पूजा में मन लीन रहे मेरा (Shiv Puja Mai Mann Leen Rahe Mera)

शिव पूजा में मन लीन रहे,
मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा ।

मकर संक्रांति पर अद्भुत संयोग

मकर संक्रांति के साथ ही खरमास का समापन होता है। जो इसे और भी शुभ बनाता है। इस दिन मांगलिक कार्य, निवेश और खरीदारी के लिए समय अनुकूल है।

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि

मासिक शिवरात्रि व्रत काफ़ी शुभ माना जाता है। यह त्योहार हर मास कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है। इस बार यह व्रत शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 के दिन मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त इस तिथि पर व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं, उन्हें सुख-शांति और धन-वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि शिव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत काफ़ी महत्वपूर्ण है।

अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम् (Ath Vedokta Ratri Suktam)

वेदोक्तम् रात्रि सूक्तम् यानी वेद में वर्णन आने वाले इस रात्रि सूक्त का पाठ कवच, अर्गला और कीलक के बाद किया जाता है। इसके बाद तन्त्रोक्त रात्रि सूक्त और देव्यथर्वशीर्षम् स्तोत्रम् का पाठ किया जाता है।

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