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नवरात्रों की आई है बहार (Navratro Ki Aayi Hai Bahar)

नवरात्रों की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के,

होगा शेरावाली का दीदार,

जयकारे गूंजे मैया के,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


माँ का भवन सजाया,

फूलों कलियों से महकाया,

हुआ आँगन पवित्तर,

माँ ने करम कमाया,

ज्योत मैया की जगा के,

सबने मिरदंग बजाके,

सब भक्तो ने गाके,

खूब रंग बरसाया,

सपने हुए साकार,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


रूप कंजको का धार,

आती घर घर माता,

खोले मन की जो आँखे,

वो ही दर्शन पाता,

सच्चे भाव से जो कोई,

पूरी हलवा खिलाता,

पूरी करती मुरादे,

सारे जग की विधाता,

करती है बेडा पार,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥


नवरात्रों की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के,

होगा शेरावाली का दीदार,

जयकारे गूंजे मैया के,

नवरात्रो की आई है बहार,

जयकारे गूंजे मैया के ॥

सुनलो बाबा बजरंगी, मैं कैसे तुझे रिझाऊं (Sunlo Baba Bajrangi Main Kaise Tujhe Rijhaun)

सुनलो बाबा बजरंगी,
मैं कैसे तुझे रिझाऊं,

श्री परशुराम जी की आरती (Shri Parshuram Ji Ki Aarti)

ॐ जय परशुधारी, स्वामी जय परशुधारी।
सुर नर मुनिजन सेवत, श्रीपति अवतारी॥

जगदीश जी की आरती (Shri Jagdish Ji Ki Aarti)

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

मार्गशीर्ष माह में कब-कब पड़ेंगे प्रदोष व्रत?

हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत पूर्ण रूप से भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।

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