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शिव पूजा में मन लीन रहे मेरा (Shiv Puja Mai Mann Leen Rahe Mera)

शिव पूजा में मन लीन रहे,

मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा ।

मिट जाए जन्मों की तृष्णा,

मिले भोले शंकर प्यार तेरा ।


तुझ में खोकर जीना है मुझे,

मैं बूंद हूँ तू एक सागर है । ..x2

तुझ बिन जीवन का अर्थ है क्या,

मैं तारा हूँ तू अम्बर है ।

तूने मुझ को स्वीकार किया,

क्या कम है यह उपकार तेरा।

॥ शिव पूजा में मन लीन रहे...॥


यूं मुझको तेरा प्यार मिला,

बेजान को जैसे जान मिली । ..x2

जिस दिन से तुझको जाना है,

मुझको अपनी पहचान मिली ।

दे दी तूने चरणों में जगह,

आभारी हूं सौ बार तेरा ।

॥ शिव पूजा में मन लीन रहे...॥


शिव पूजा में मन लीन रहे,

मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा,

मिट जाए जन्मों की तृष्णा,

मिले भोले शंकर प्यार तेरा ।

विधाता तू हमारा है - प्रार्थना (Vidhata Tu Hamara Hai: Prarthana)

विधाता तू हमारा है,
तू ही विज्ञान दाता है ।

जानें कब है विनायक चतुर्थी

विनायक चतुर्थी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

जगन्नाथ रथ यात्रा क्यों मानते हैं

सनातन धर्म में हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है।

पहली बार सकट चौथ करते समय इन बातों का ध्यान रखें

हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।