नवीनतम लेख

नौ नौ रूप मैया के तो, बड़े प्यारे लागे (Nau Nau Roop Maiya Ke To Bade Pyare Lage)

नौ नौ रूप मैया के तो,

बड़े प्यारे लागे,

बड़े प्यारे लागे,

सबसे प्यारे माँ के,

भवनो के नजारे लागे,

सबसे प्यारे माँ के,

भवनो के नजारे लागे ॥


प्रथम पूज्य है शैलपुत्री,

दूजी ब्रम्ह्चारणी,

भक्त जनो को भव सागर से,

पार उतारनी,

तीनो लोको में मैया के,

तीनो लोको में मैया के,

जय जयकारे लागे,

सबसे प्यारे माँ के,

भवनो के नजारे लागे ॥


चंद्राघंटा मैया का है,

तीजा रूप निराला,

कुष्मांडा ने भक्त जनो की,

हर विपदा को टाला,

स्कंद माता पाँचवा पूजन,

स्कंद माता पाँचवा पूजन,

करने सारे लागे,

सबसे प्यारे माँ के,

भवनो के नजारे लागे ॥


कात्यायनी पूजन करलो,

पार लगोगे सारे,

कालरात्रि दुष्ट जनो को,

एक पल में संहारे,

माँ का नाम सुमिरे जो,

माँ का नाम सुमिरे जो,

उनके भाग जागे,

सबसे प्यारे माँ के,

भवनो के नजारे लागे ॥


माँ गौरी है रूप आठवां,

जिसने भी ध्याया,

सिद्धि दात्री रूप में माँ ने,

सारा दुख मिटाया,

मंदिर मंदिर देखो माँ के,

मंदिर मंदिर देखो माँ के,

भक्तों मेले लागे,

सबसे प्यारे माँ के,

भवनो के नजारे लागे ॥


नौ नौ रूप मैया के तो,

बड़े प्यारे लागे,

बड़े प्यारे लागे,

सबसे प्यारे माँ के,

भवनो के नजारे लागे,

सबसे प्यारे माँ के,

भवनो के नजारे लागे ॥

वैकुंठ द्वारम, तिरूमाला मंदिर

वैकुंठ एकादशी 10 से 19 जनवरी 2025 तक मनाई जाएगी। वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है।

मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के दिन करें ये विशेष उपाय

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना गया है। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक है। इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है, जो इस साल 15 दिसंबर को है।

चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो (Chalo Shiv Shankar Ke Mandir Me Bhakto)

लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से,
उसे भोले शंकर ने अपना बनाया ।

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू (Bhole Baba Ne Yuhi Bajaya Damru)

भोले बाबा ने यूँ ही बजाया डमरू,
सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया ॥

यह भी जाने