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हे मुरलीधर छलिया मोहन (Hey Muralidhar Chhaliya Mohan)

हे मुरलीधर छलिया मोहन,

हम भी तुमको दिल दे बैठे,

गम पहले से ही कम तो ना थे,

एक और मुसीबत ले बैठे,

हे मुरलिधर छलिया मोहन,

हम भी तुमको दिल दे बैठे ॥


दिल कहता है तुम सुन्दर हो,

आँखे कहती है दिखलाओ,

तुम मिलते नही हो आकर के,

हम कैसे कहे देखो ये बैठे,

हे मुरलिधर छलिया मोहन,

हम भी तुमको दिल दे बैठे ॥


महिमा सुनके हैरान है हम,

तुम मिल जाओ तो चैन मिले,

मन खोज के भी तुम्हे पाता नही,

तुम हो की उसी मन में बैठे,

हे मुरलिधर छलिया मोहन,

हम भी तुमको दिल दे बैठे ॥


राजेश्वर राजाराम तुम्ही,

प्रभु योगेशेवर घनश्याम तुम्ही,

धनुधारी बने कभी मुरली बजा,

यमुना तट निज जन में बैठे,

हे मुरलिधर छलिया मोहन,

हम भी तुमको दिल दे बैठे ॥


हे मुरलीधर छलिया मोहन,

हम भी तुमको दिल दे बैठे,

गम पहले से ही कम तो ना थे,

एक और मुसीबत ले बैठे,

हे मुरलिधर छलिया मोहन,

हम भी तुमको दिल दे बैठे ॥


षटतिला एकादशी मंत्र

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफी महत्व है। माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के कहते हैं।

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वैकुंठ एकादशी 10 से 19 जनवरी 2025 तक मनाई जाएगी। वैकुंठ एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा बहुत ही शुभ और फलदायी मानी जाती है।

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