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उधम ऐसो मच्यो बृज में, सब केसर उमंग मन सींचे,
जिसने राग-द्वेष कामादिक, जीते सब जग जान लिया
मेरो कान्हा गुलाब को फूल, किशोरी मेरी कुसुम कली ॥
मेरो गोपाल झूले पलना, मदन गोपाल झूले पलना,
मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल, सखी री बड़ो प्यारो है।
मेरो बांके बिहारी अनमोल रसिया, मेरो कुंज बिहारी अनमोल रसिया,
मेरी ज़िन्दगी सवर जाए, अगर तुम मिलने आ जाओ,
मेरी विपदा टाल दो आकर, हे जग जननी माता ॥
मिल कहो गर्व से हिन्दू है हम, यह हिन्दूस्तान हमारा,
म्हारी झुँझन वाली माँ, पधारो कीर्तन में,