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मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल सखी री बड़ो प्यारो है (Mero Choto So Laddu Gopal Sakhi Ri Bado Pyaro Hai)

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


अँखियाँ मटकाये जब सुबह जागे,

जब मैं नेहलाऊ मेरे हाथो से भागे,

बड़ी मुश्किल से करू मैं संभाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


भोग मैं लगाउ मेको टुकर टुकर देखे,

फल जो चड़ाउ बा को मोपे ही फेंके,

या के मोटे मोटे फूल जाए गाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


सारा दिन चुपके चुपके मस्ती मनावे,

शाम जो ढले मोको मुरली सुनावे,

बाकी मुरली पे जाऊ बलहार,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।


नित नई लीला कर रहता ये मोन है,

श्री हरिदासी का इसके सिवा कौन है,

हुई वाकी मैं छोड़ जन जाल,

सखी री बड़ो प्यारो है।

मेरो छोटो सो लड्डू गोपाल,

सखी री बड़ो प्यारो है ।

महाकाल तेरी भक्ति ने बवाल कर दिया (Mahakal Teri Bhakti Ne Bawal Kar Diya)

तेरे कलयुग में भी भक्तो ने कमाल कर दिया,
हो जय श्री महाकाल के नारे ने धमाल कर दिया,

हे मेरे गुरुदेव करुणा सिन्धु करुणा कीजिये (He Mere Gurudev Karuna Sindhu Karuna Keejiye)

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः, गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म, तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

छठ पूजा कथा

छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। इस दौरान सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा अर्चना की जाती है।

भस्म तेरे तन की, बन जाऊं भोलेनाथ (Bhasm Tere Tan Ki Ban Jau Bholenath)

भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,