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कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी (Kab Darshan Denge Ram Param Hitkari)

भीलनी परम तपश्विनी,

शबरी जाको नाम ।

गुरु मतंग कह कर गए,

तोहे मिलेंगे राम ।


कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी

कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी

रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥


कही कोई कांटा प्रभु को नहीं चुभ जाये

पग तन्मग्चारे चुन चुन पुष्प बिछाए

मीठे फल चख कर नित्य सजाये थारी

रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी


कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी

कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी

रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥


श्री राम चरण मे प्राण बसे शबरी के

प्रभु दर्शन दे तो भाग जगे शबरी के

रघुनाथ प्राणनिधि पर जीवन बलिहारी

रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी


कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी

कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी

रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी ॥


कब दर्शन देंगे राम परम हितकारी

कब दर्शन देंगे राम दीन हितकारी

रास्ता देखत शबरी की उम्र गयी सारी

अनंग त्रयोदशी व्रत कथा

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है। अनंग त्रयोदशी व्रत प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है।

मेरे कंठ बसो महारानी (Mere Kanth Baso Maharani)

मेरे कंठ बसो महारानी,
ना मैं जानू पूजा तेरी,

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दादी मैं थारी बेटी हूँ (Dadi Mein Thari Beti Hu)

दादी मैं थारी बेटी हूँ,
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