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मन फूला फूला फिरे, जगत में कैसा नाता रे ॥
मन धीर धरो घबराओ नहीं, श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,
मेरे घनश्याम से तुम मिला दो, मैं हूँ उनका यार पुराना,
मेरे गणनायक तुम आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही,
वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ:,
मेरे भोले की सवारी आज आयी, मेरे शंकर की सवारी आज आयी,
मेरे भोले बाबा को अनाड़ी मत समझो, अनाड़ी मत समझो, खिलाडी मत समझो,
मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू, हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥
मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करिओ श्रृंगार,