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महाकाल नाम जपिये, झूठा झमेला झूठा झमेला,
माँ की लाल रे चुनरिया, देखो लहर लहर लहराए,
माँ की हर बात निराली है श्लोक – पास की सुनती है,
लाख बार गिर कर मैं, हर बार उठा हूँ,
शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के, जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,
इससे बढ़ के कोई शय भी, कोमल नहीं,
जहाँ पे बिन मांगे, पूरी हर मन्नत होती है,
माँ का नाम जपे जा हर पल, लागे ना कोई मोल रे,
माँ का है जगराता, माँ को आज मनाएंगे,
हाँ माँ हो तो ऐसी हो ऐसी हो ऐसी हो काली मैय्यां तेरे जैसी हो