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माँ की लाल रे चुनरिया, देखो लहर लहर लहराए,
हार की कोई चिंता नहीं, पग पग होगी जीत,
लागी लागी है लगन, म्हाने श्याम नाम की,
मोहे लागी रे लगन महाकाल की लगन, तुम्हारे नाम से किस्मत मेरी सजा लू मैं,
तेरे बरसाने में है, बेसहारों को सहारा,
लड्डू गोपाल मेरा, लड्डू गोपाल । छोटा सा है लला मेरा, करतब करे कमाल,
लचकि लचकि आवत मोहन, आवे मन भावे
लाली लाली लाल चुनरियाँ, कैसे ना माँ को भाए ॥
लाल लाल चुनरी सितारों वाली, सितारो वाली,
दीवाना हूँ महाकाल का, उज्जैन के सरकार का,