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लाड़ली अद्भुत नजारा, तेरे बरसाने में है (Ladli Adbhut Nazara, Tere Barsane Me Hai)

तेरे बरसाने में है,

बेसहारों को सहारा,

तेरे बरसाने में है।

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


झांकीया तेरे महल की,

कर रहे सब देवगण,

आ गया बैकुंठ सारा,

तेरे बरसाने में है,

आ गया बैकुंठ सारा,

तेरे बरसाने में है ॥


बेसहारों को सहारा,

तेरे बरसाने में है।

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


हर लता हर डाल पर,

तेरी दया की है नजर,

हर घड़ी यशोमत दुलारा,

तेरे बरसाना में है,

हर घड़ी यशोमत दुलारा,

तेरे बरसाना में है,

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


बेसहारों को सहारा,

तेरे बरसाने में है।

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


भानु की है लाड़ली तू,

श्याम की है प्राणेश्वरी,

प्रेम का अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है,

प्रेम का अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है,

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


बेसहारों को सहारा,

तेरे बरसाने में है।

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


तू ही ममता की है सरिता,

तू ही है करुणामयी,

तेरी कृपा की शीतल छाया,

तेरे बरसाने में है,

तेरी कृपा की शीतल छाया,

तेरे बरसाने में है,

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


बेसहारों को सहारा,

तेरे बरसाने में है।

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


अब कहाँ जाऊं किशोरी,

तेरे दर को छोड़ कर,

मेरे जीवन का सहारा,

तेरे बरसाने में है,

मेरे जीवन का सहारा,

तेरे बरसाने में है,

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


बेसहारों को सहारा,

तेरे बरसाने में है।

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


लाड़ली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है,

बेसहारों को सहारा,

तेरे बरसाने में है,

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


बेसहारों को सहारा,

तेरे बरसाने में है।

लाडली अद्भुत नजारा,

तेरे बरसाने में है ॥


पौष माह के व्रत त्योहार

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

Shri Baglamukhi Chalisa (श्री बगलामुखी चालीसा)

नमो महाविद्या बरदा , बगलामुखी दयाल।
स्तम्भन क्षण में करे , सुमरित अरिकुल काल।।

श्री रविदास चालीसा (Sri Ravidas Chalisa)

बन्दौ वीणा पाणि को , देहु आय मोहिं ज्ञान।
पाय बुद्धि रविदास को , करौं चरित्र बखान।

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा(Holi Khel Rahe Banke Bihari Aaj Rang Baras Raha)

होली खेल रहे बांकेबिहारी आज रंग बरस रहा
और झूम रही दुनिया सारी,

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