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भस्मी लगाएं बाबा, उज्जैन के वो राजा (Bhasmi Lagaye Baba Ujjain Ke Vo Raja)

कालो के काल है,

मृत्यु के है वो राजा,

भस्मी लगाएं बाबा,

उज्जैन के वो राजा ॥


दीदार करना चाहूं,

दर्शन को प्यासी अखियां,

चरणों में रहना चाहूं,

बस दिल की एक आशा,

उज्जैन में भी आऊ,

दर्शन भी करना चाहूं,

महाकाल की वो महिमा,

सबको सुनाना चाहूं ॥


मेरे दिल की एक आशा,

तेरे दर पे मरना चाहूं,

मरने के बाद भोले,

भस्मी तुम्हें लगाऊं,

उज्जैन में भी आऊ,

दर्शन भी करना चाहूं,

महाकाल की वो महिमा,

सबको सुनाना चाहूं ॥


महाकाल तुमको प्यारी,

वह भस्म आरती है,

मुर्दे की राख से ही,

वह होती आरती है,

‘सत्यम’ को वर दे बाबा,

बस दिल से तुझको चाहूँ,

महाकाल भस्म आरती,

मैं भी तो करना चाहूँ ॥


कालो के काल है,

मृत्यु के है वो राजा,

भस्मी लगाएं बाबा,

उज्जैन के वो राजा ॥

लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि

लक्ष्मी पंचमी का पर्व विशेष रूप से व्यापारियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विधिवत रूप से माता लक्ष्मी की आराधना करने से धन, वैभव और समृद्धि प्राप्त होती है।

करता है तू बेड़ा पार (Karta Hai Tu Beda Paar)

कोई जब राह ना पाए,
शरण तेरी आए,

बालाजी ने ध्याले तू: भजन (Balaji Ne Dhyale Tu)

मंगलवार शनिवार,
बालाजी ने ध्याले तू,

मेरे लखन दुलारें बोल कछु बोल (Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol)

मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल,
मत भैया को रुला रे बोल कछु बोल,

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