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गजानंद जी ने, ल्यावो रे मनाय, वारी जाऊं (Gajanand Ji Ne Lavo Re Manay Vari Jaun)

गजानंद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में,

चरणन में देवा चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥

सूंड सुंडाला दुंद दूण्डाला,

म्हारी सभा में रंग बरसाय,

वारी जाऊं चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


पार्वती रा पुत्र हो प्यारा,

शिव शंकर रा राज दुलार,

वारी जाऊं चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


चढ़न चढ़ावा चूरमो,

थारे लड्डुवन रो भोग लगाय,

वारी जाऊं चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


रणत भवन स्यूं आवो गजानंद,

रिद्धि सिद्धि ने संग में लाय,

वारी जाऊं चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


गजानंद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में,

चरणन में देवा चरणन में,

गजानँद जी ने,

ल्यावो रे मनाय,

वारी जाऊं चरणन में ॥


करता है तू बेड़ा पार (Karta Hai Tu Beda Paar)

कोई जब राह ना पाए,
शरण तेरी आए,

जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली - भजन (Jai Ho Jai Ho Tumhari Ji Bajrangbali)

जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली
लेके शिव रूप आना गजब हो गया

उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा

उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा मां एकादशी के जन्म से संबंधित है। इसमें ये बताया गया है कि उन्होंने भगवान विष्णु को एक राक्षस से कैसे बचाया। दरअसल सतयुग में एक मुरा नाम का एक राक्षस था।

सजधज कर जिस दिन, मौत की शहजादी आएगी (Saj Dhaj Kar Jis Din Maut Ki Sahjadi Aayegi)

सजधज कर जिस दिन,
मौत की शहजादी आएगी,

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