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हर देश में तू, हर भेष में तू - प्रार्थना (Har Desh Me Tu Har Bhesh Me Tu)

हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।

तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,

सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥


सागर से उठा बादल बनके,

बादल से फटा जल हो करके ।

फिर नहर बना नदियाँ गहरी,

तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।


चींटी से भी अणु-परमाणु बना,

सब जीव-जगत् का रूप लिया ।

कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना,

सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।


यह दिव्य दिखाया है जिसने,

वह है गुरुदेव की पूर्ण दया ।

तुकड़या कहे कोई न और दिखा,

बस मैं अरु तू सब एकही है ॥


हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।

तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,

सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥

29 या 30 नवंबर, मासिक शिवरात्रि कब है?

मासिक शिवरात्रि का पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।

वृश्चिक संक्रांति की पूजा विधि

संक्रांति मतलब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना और इसका वृश्चिक राशि में प्रवेश वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। यह दिन सूर्य देव की विशेष पूजा और दान करने के लिए शुभ है और व्यक्ति के भाग्योदय में होता है।

भक्तो के द्वार पधारो (Bhakto Ke Dwar Padharo)

भक्तो के द्वार पधारो,
प्यारे गौरी के ललन,

भगवान परशुराम की पूजा कैसे करें?

भगवान परशुराम का जन्म राजा जीमूतवाहन और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। वे ब्राह्मण कुल से थे, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में शस्त्र-विद्या का ज्ञान और युद्धकला का अभ्यास था। उन्हें भगवान विष्णु के दशावतार में एक माना जाता है। परशुराम जी ने भगवान शिव से भी शिक्षा ली थी।