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हर हाल में खुश रहना (Har Haal Me Khush Rehna)

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

महफ़िल में जुदा रहना, संतो से सीख जाएं ।

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ॥


सुख दुःख में हसना रोना, है काम कायरो का ।

सुख दुःख में हसना रोना, है काम कायरो का ।

दोनों में मुस्कुराना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


झंझट से भाग जाना, सब लोग बताते है ।

झंझट से भाग जाना, सब लोग बताते है ।

झंझट में बच के रहना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


मरने के बाद मुक्ति, सब लोग बताते है ।

मरने के बाद मुक्ति, सब लोग बताते है ।

जीते जी मुक्त होना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


दुनिया के लोग दौलत, पाकर के मुस्कुराते ।

दुनिया के लोग दौलत, पाकर के मुस्कुराते ।

पर भिछु बन के हसना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

हे शेरावाली नजर एक कर दो(Hey Sherawali Nazar Ek Kar Do)

हे शेरावाली नजर एक कर दो
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो,

जगदीश ज्ञान दाता(Jagadish Gyan Data: Prarthana)

जगदीश ज्ञान दाता, सुख मूल शोकहारी
भगवन् ! तुम्हीं सदा हो, निष्पक्ष न्यायकारी ॥

पार्वती जी की पूजा विधि

शुक्रवार का दिन देवी पार्वती सहित सभी स्त्री देवी-स्वरूपों की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन माता पार्वती को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख, समृद्धि और सौभाग्य लाने का उत्तम समय है।

एकादशी व्रत का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। बता दें कि साल में कुल 24 एकदशी पड़ती हैं। हर एकादशी का अपना अलग महत्व होता है। ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहते हैं।