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क्या लेके आया जग में क्या लेके जाऐगा (Kya Leke Aaya Bande Kya Leke Jayega)

क्या लेके आया बन्दे,

क्या लेके जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


दोहा – आया है सो जाएगा,

राजा रंक फकीर,

कोई सिंहासन चढ़ चले,

कोई बंधे जंजीर।


क्या लेके आया बन्दे,

क्या लेके जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


ईस जगत सराऐ में,

मुसाफीर रहना दो दिन का,

क्यों विर्था करे गुमान,

मुरख इस धन और जोबन का,

बंद मुट्ठी आया जग में,

खाली हाथ जाएगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


वो कहाँ गए बलवान,

तीन बार धरती तोलणियाँ,

ज्यारी एडी पड़ती धाक,

नाही कोई शामें बोलणियाँ,

निर्भय डोलणियाँ वे तो,

गया रे अकेला,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


नहीं छोड़ सक्या कोई,

माया गिणी गिणाई ने,

गढ किला री निव छोड़ गया,

चिणी चिणाई ने,

चिणी रे चिणाई रह गई,

गया है अकेला,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


ईस काया का है भाग्य,

भाग्य बिन पाया नहीं जाता,

कहे ‘शर्मा’ बिना नसिब,

तोड़ फल खाया नहीं जाता,

भवसागर से तर ले बन्दे,

हरी गुण गायले,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥


क्या लेके आया बन्दे,

क्या लेके जायेगा,

दो दिन की जिन्दगी है,

दो दिन का मेला ॥

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान(Milta Hai Sachha Sukh Keval Bhagwan Tere Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान् तुम्हारे चरणों में ।
यह विनती है पल पल छिन की, रहे ध्यान तुम्हारे चरणों में ॥

बुधवार की पूजा विधि

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन विशेष रूप से भगवान गणेश को समर्पित है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, और बुधवार को उनका पूजन विशेष फलदायी माना जाता है।

मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू क्यों खाते हैं

मकर संक्रांति, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है।

क्या कुंवारी लड़कियां भी कर सकती हैं प्रदोष व्रत

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। यह व्रत जीवन में सुख-समृद्धि, मनोकामना पूर्ति और कष्टों के निवारण का प्रतीक है। कुंवारी लड़कियों के लिए यह व्रत विशेष रूप से लाभकारी माना है।