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हो दीनानाथ(Ho Deenanath)

सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ

हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार


सोना सट कुनिया, हो दीनानाथ

हे घूमइछा संसार, हे घूमइछा संसार


आन दिन उगइ छा हो दीनानाथ

आहे भोर भिनसार, आहे भोर भिनसार


आजू के दिनवा हो दीनानाथ

हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर


बाट में भेटिए गेल गे अबला

एकटा अन्हरा पुरुष, एकटा अन्हरा पुरुष


अंखिया दियेते गे अबला

हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर


बाट में भेटिए गेल गे अबला

एकटा बाझिनिया, एकटा बाझिनिया


बालक दियेते गे अबला

हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर

नर्मदा जयंती कब है

हिंदू धर्म में प्रकृति को विशेष महत्व दिया जाता है। इसमें, वृक्षों से लेकर पशु-पक्षियों तक को पूजनीय माना जाता है। नदियां को भारतीय संस्कृति में पवित्र और पूजनीय माना गया है।

पहिले पहिल हम कईनी

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहर,

मोहनी मुरति साँवरी सूरति(Mohini Murat Sanwali Surat, Aai Basau In Nainan Me)

मोहनी मुरति साँवरी सूरति,
आइ बसौ इन नैनन में ।

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से (Jiski Lagi Lagan Bholenath Se)

जिसकी लागी लगन भोलेनाथ से,
वो डरता नहीं किसी बात से,

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