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जगमग हुईं अयोध्या नगरी, सन्त करें गुणगान (Jagmag Hui Ayodhya Nagari Sant Kare Gungan)

जगमग हुई अयोध्या नगरी,

रतन सिंहासन राम विराजें,

आई घड़ी महान,

धूमधाम से अवधपुरी में,

हो मंदिर निर्माण,

अँखियाँ तरस गई सदियों से,

झूमे सकल जहान,

जगमग हुईं अयोध्या नगरी,

सन्त करें गुणगान ॥



तड़प रहे थे भक्त राम के,

कब वो शुभ दिन आये,

संतों का संकल्प अवध में,

प्रभु का घर बन जाये,

मन में था विश्वास एक दिन,

प्रभु मंदिर में आएं,

इसके ख़ातिर भक्त हजारों,

हो गए हैं कुर्बान,

धूमधाम से चलो अवध में,

हो मंदिर निर्माण,

जगमग हुईं अयोध्या नगरी,

सन्त करें गुणगान ॥


जले दीप बज रहे नगाड़े,

दे जयघोष सुनाई,

जन- जन में खुशियां है छाई,

घड़ी सुहानी आयी,

भारत माँ के हॄदय पटल पर,

बजने लगी शहनाई,

भक्तों के भगवान विराजें,

संतों के अरमान,

धूमधाम से चलो अवध में,

हो मंदिर निर्माण,

जगमग हुईं अयोध्या नगरी,

सन्त करें गुणगान ॥


रतन सिंहासन राम विराजें,

आई घड़ी महान,

धूमधाम से अवधपुरी में,

हो मंदिर निर्माण,

अँखियाँ तरस गई सदियों से,

झूमे सकल जहान,

जगमग हुई अयोध्या नगरी,

सन्त करें गुणगान ॥

फूल भी न माँगती, हार भी न माँगती (Phool Bhi Na Mangti Haar Bhi Na Mangti)

फूल भी न माँगती,
हार भी न माँगती,

पूर्णिमा व्रत विधि क्या है

पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?

मुझे झुँझनु में अगला जनम देना (Mujhe Jhunjhunu Me Agla Janam Dena)

मेरी भक्ति के बदले वचन देना,
मुझे झुँझनु में अगला जनम देना ॥

मोक्षदा एकादशी पर दुर्लभ संयोग

हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 11 दिसंबर 2024 को यह पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन गीता जयंती का भी पर्व होता है।

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