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जय जय गणपति गजानंद, तेरी जय होवे (Jai Jai Ganpati Gajanand Teri Jai Hove)

जय जय गणपति गजानंद,

तेरी जय होवे,

जाऊं तोपे बलिहारी,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥


रिद्धि सिद्धि के दाता,

आप कहाते हो,

बिगड़ी हम सब की,

बाबा आप बनाते हो,

जय जय गिरिजा के नंदन,

जय जय गिरिजा के नंदन,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥


तेरा गजमुख रूप,

सभी भक्तों को भाया है,

सब देवो ने मिलकर,

गुणगान सुनाया है,

तेरी सुंदर मोहिनी मूरत,

तेरी सुंदर मोहिनी मूरत,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥


सेवा में खड़े है तेरी,

आज पधारो जी,

गोते खाये ये नैया,

आज सम्भालो जी,

कही डूब ना जाये जीवन,

कही डूब ना जाये जीवन,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥


जय जय गणपति गजानंद,

तेरी जय होवे,

जाऊं तोपे बलिहारी,

तेरी जय होवे,

जय जय गणपति गजानन्द,

तेरी जय होवे ॥

अन्वाधान कब है

फरवरी माह में प्रकृति में भी बदलाव आता है, मौसम में ठंडक कम होने लगती है। पेड़ों पर कोमल पत्ते आने लगते हैं। इस साल फरवरी में गुरु मार्गी होंगे और सूर्य, बुध भी राशि परिवर्तन करेंगा। इसलिए यह महीना बहुत खास रहने वाला है।

रूक्मिणी-श्रीकृष्ण के विवाह से जुड़ी कथा

पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो इस साल 22 दिसंबर को पड़ रही है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी देवी रुक्मिणी के जन्म की याद में मनाया जाता है।

हम तुम्हारे तुम हमारे, बन गए हो सांवरे (Hum Tumhare Tum Hamare Ban Gaye Ho Sanware)

हम तुम्हारे तुम हमारे,
बन गए हो सांवरे,

लल्ला की सुन के मै आयी यशोदा मैया देदो(Lalla Ki Sun Ke Mai Aayi Yashoda Maiya Dedo Badhai)

लल्ला की सुन के मै आयी,
यशोदा मैया देदो बधाई,

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