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जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे (Jo Karte Rahoge Bhajan Dhire Dhire)

जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।

तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।


जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।

तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।


अगर उनसे मिलने की दिल में तमन्ना ।

अगर प्रभु से मिलने की दिल में तमन्ना ।

अगर हरी से मिलने की दिल में तमन्ना ।

करो शुद्ध अन्तःकरन धीरे धीरे ।


जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।

तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ॥


कोई काम दुनिया में मुश्किल नहीं है ।

जो करते रहोगे यतन धीरे धीरे ।


जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।

तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ॥


करो प्रेम से भक्ति सेवा हरी की ।

करो प्रेम से भक्ति पूजा हरी की ।

तो मिल जायेगा वो रतन धीरे धीरे ।


जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।

तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ॥


जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।

तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।

मुझे दास बनाकर रख लेना (Mujhe Das Banakar Rakh Lena)

मुझे दास बनाकर रख लेना,
भगवान तू अपने चरणों में,

तिलकुट चौथ की पूजा सामग्री

सकट चौथ व्रत मुख्यतः संतान की लंबी उम्र, उनके अच्छे स्वास्थ्य और तरक्की की कामना के लिए रखा जाता है। इस पर्व को गौरी पुत्र भगवान गणेश और माता सकट को समर्पित किया गया है। इसे भारत में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे:- तिलकुट चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ।

बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए माँ (Beta Bulaye Jhat Daudi Chali Aaye Maa)

मैं नही जानू पूजा तेरी,
पर तू ना करना मैया देरी,

पकड़ लो बाँह रघुराई, नहीं तो डूब जाएँगे - भजन (Pakadlo Bah Raghurai, Nahi Too Doob Jayenge)

पकड़ लो बाँह रघुराई,
नहीं तो डूब जाएँगे ।

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