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माँ सरस्वती! मुझको नवल उत्थान दो (Mujhko Naval Utthan Do, Maa Saraswati Vardan Do)

मुझको नवल उत्थान दो ।

माँ सरस्वती! वरदान दो ॥

माँ शारदे! हंसासिनी,

वागीश! वीणावादिनी । ..x2

मुझको अगम स्वर-ज्ञान दो । ..x2


माँ सरस्वती! वरदान दो ॥

मुझको नवल उत्थान दो।


निष्काम हो मनोकामना,

मेरी सफल हो साधना । ..x2

नव गति, नई लय तान दो । ..x2


माँ सरस्वती! वरदान दो ।

मुझको नवल उत्थान दो ॥


हो सत्य जीवन-सारथी,

तेरी करूँ नित आरती । ..x2

समृद्धि, सुख, सम्मान दो । ..x2


माँ सरस्वती! वरदान दो ।

मुझको नवल उत्थान दो ॥


मन, बुद्धि, हृदय पवित्र हो,

मेरा महान चरित्र हो । ..x2

विद्या, विनय, बल दान दो । ..x2

माँ सरस्वती! वरदान दो ॥


सौ वर्ष तक जीते रहें,

सुख-अमिय हम पीते रहें । ..x2

निज चरण में सुस्थान दो । ..x2


माँ सरस्वती! वरदान दो ।

मुझको नवल उत्थान दो ॥


यह विश्व ही परिवार हो,

सबके लिए सम प्यार हो । ..x2

आदेश लक्ष्य महान दो । ..x2

माँ सरस्वती! वरदान दो ॥


मुझको नवल उत्थान दो ।

माँ सरस्वती! वरदान दो ॥

Choti Holi 2025 (छोटी होली 2025 कब है)

होली भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे रंगों और उत्साह के साथ मनाया जाता है। होली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी होली को होलिका दहन कहा जाता है।

सज रही मेरी अम्बे मैया - माता भजन (Saj Rahi Meri Ambe Maiya Sunahare Gote Mein)

सज रही मेरी अम्बे मैया, सुनहरी गोटे में ।
सुनहरी गोटे में, सुनहरी गोटे में,

हरछठ (Har Chhath)

हरछठ या हलछठ पर्व के दिन व्रत रखने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है। अब आपके दिमाग में हरछठ व्रत को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे। तो आइए आज भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हरछठ पर्व क्या है और इसमें व्रत रखने से हमें क्यों संतान प्राप्ति होती है?

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से (Dinanath Meri Baat Chani Koni Tere Se)

दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से
दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से