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पार होगा वही, जिसे पकड़ोगे राम (Paar Hoga Wahi Jise Pakdoge Ram)

पार होगा वही,

जिसे पकड़ोगे राम,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएगा ॥


तिरना क्या जाने,

पत्थर बेचारे,

तिरने लगे तेरे,

नाम के सहारे,

नाम लिखते आ गए है,

पत्थर में प्राण,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएगा।

पार होगा वहीँ,

जिसे पकड़ोगे राम,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएगा ॥


लंका जलाई,

लांघा समुन्दर,

राक्छस को मार आया,

छोटा सा बन्दर,

बस जपता रहा,

दिन रात तेरा नाम,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएग ॥


पार होगा वहीँ,

जिसे पकड़ोगे राम,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएगा ॥


सुनकर के बाते,

मुस्काए राम जी,

मारे ख़ुशी के नाचे,

हनुमान जी,

भक्त देखा ना,

बनवारी तेरे समान,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएगा ॥


पार होगा वहीँ,

जिसे पकड़ोगे राम,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएगा ॥


पार होगा वही,

जिसे पकड़ोगे राम,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएगा,

जिसको छोड़ोगे,

पलभर में डूब जाएगा ॥

मेरे गणनायक तुम आ जाओ (Mere Gannayak Tum Aa Jao)

मेरे गणनायक तुम आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,

फरवरी 2025 में इष्टि कब है

इष्टि यज्ञ वैदिक काल के प्रमुख अनुष्ठानों में से एक है। संस्कृत में ‘इष्टि’ का अर्थ ‘प्राप्ति’ या ‘कामना’ होता है। यह यज्ञ विशेष रूप से मनोकामना पूर्ति और जीवन में समृद्धि लाने के उद्देश्य से किया जाता है।

जगदम्बे भवानी माँ, तुम कुलदेवी मेरी(Jagdambe Bhawani Maa Tum Kuldevi Meri)

जगदम्बे भवानी माँ,
तुम कुलदेवी मेरी,

मासिक दुर्गा अष्टमी के शुभ योग

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल मासिक दुर्गा अष्टमी का पहला व्रत 07 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।