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प्रभु हम पे कृपा करना, प्रभु हम पे दया करना (Prabhu Humpe Daya Karna)

प्रभु हम पे कृपा करना,

प्रभु हम पे दया करना ।

बैकुंठ तो यही है,

हृदय में रहा करना ॥


गूंजेगे राग बन कर,

वीणा की तार बनके,

प्रगटोगे नाथ मेरे,

ह्रदय में प्यार बनके ।

हर रागिनी की धुन पर,

स्वर बन कर उठा करना,

बैकुंठ तो यही है,

हृदय में रहा करना ॥


प्रभु हम पे कृपा करना,

प्रभु हम पे दया करना ।

प्रभु हम पे कृपा करना,

प्रभु हम पे दया करना ।

बैकुंठ तो यही है,

हृदय में रहा करना ॥


नाचेंगे मोर बनकर,

हे श्याम तेरे द्वारे,

घनश्याम छाए रहना,

बनकर के मेघ कारे ।

बनकर के मेघ कारे ।

अमृत की धार बनकर,

प्यासों पे दया करना,

बैकुंठ तो यही है,

हृदय में रहा करना ॥


प्रभु हम पे कृपा करना,

प्रभु हम पे दया करना ।

प्रभु हम पे कृपा करना,

प्रभु हम पे दया करना ।

बैकुंठ तो यही है,

हृदय में रहा करना ॥


तेरे वियोग में हम,

दिन रात हैं उदासी,

अपनी शरण में लेलो,

हे नाथ ब्रज के वासी ।

हे नाथ ब्रज के वासी ।

तुम सो हम शब्द बन कर,

प्राणों में रमा करना,

बैकुंठ तो यही है,

हृदय में रहा करना ॥


प्रभु हम पे कृपा करना,

प्रभु हम पे दया करना ।

प्रभु हम पे कृपा करना,

प्रभु हम पे दया करना ।

बैकुंठ तो यही है,

हृदय में रहा करना ॥

मौनी अमावस्या के विशेष उपाय

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। यह दिन हमारे पूर्वजों यानी पितरों को समर्पित होता है। इस दिन पितरों का तर्पण करना, पवित्र नदियों में स्नान करना और दान करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। वर्ष 2025 में मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार को पड़ रही है।

बुधवार व्रत कथा और महत्व

सनातन हिंदू धर्म के अनुसार सभी सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित होते हैं। इसलिए, हर दिन के अनुसार पूजा-आराधना की जाती है।

हनुमत के गुण गाते चलो (Hanumat Ke Gun Gate Chalo)

हनुमत के गुण गाते चलो,
प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो,

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कैसी यह देर लगाई दुर्गे, हे मात मेरी हे मात मेरी।
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