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मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को(Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

मेरी अखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को,

मैं भगत दीवाना तेरा,

दिखा दूंगा ज़माने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


तेरी लगन में डूबा रहूँगा,

जब तक है सांसो में दम,

जितना चाहे ले ले इम्तेहा,

फिर भी आस ना होगी कम,

ये मन विचलित हो रहा भोले,

आ कुछ समझाने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


कोई चढ़ाए सोना चांदी,

हीरे और मोती अनमोल,

मेरे पास प्रभु कुछ भी नहीं,

बस भक्ति लगन के मीठे बोल,

ये जीवन तुझपे अर्पण,

आ दया बरसाने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


मेरी अखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को,

मैं भगत दीवाना तेरा,

दिखा दूंगा ज़माने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥

रुक्मिणी अष्टमी पूजा विधि

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देखो लहर लहर लहराए,

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झूमर झलके अम्बा ना,
गोरा गाल पे रे,

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