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मेरी अखियाँ तरस रही, भोले का दीदार पाने को(Meri Akhiyan Taras Rahi Bhole Ka Didar Pane Ko)

मेरी अखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को,

मैं भगत दीवाना तेरा,

दिखा दूंगा ज़माने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


तेरी लगन में डूबा रहूँगा,

जब तक है सांसो में दम,

जितना चाहे ले ले इम्तेहा,

फिर भी आस ना होगी कम,

ये मन विचलित हो रहा भोले,

आ कुछ समझाने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


कोई चढ़ाए सोना चांदी,

हीरे और मोती अनमोल,

मेरे पास प्रभु कुछ भी नहीं,

बस भक्ति लगन के मीठे बोल,

ये जीवन तुझपे अर्पण,

आ दया बरसाने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥


मेरी अखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को,

मैं भगत दीवाना तेरा,

दिखा दूंगा ज़माने को,

मेरी अँखियाँ तरस रही,

भोले का दीदार पाने को ॥

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा(Ho Gaye Bhav Se Par Lekar Naam Tera)

हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा
वाल्मीकि अति दुखी दीन थे,

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे (Agar Nath Dekhoge Avgun Humare)

अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे ॥

राम नवमी पर अयोध्या में भव्य आयोजन

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाए जाने वाले राम नवमी पर्व का सनातन धर्म में बहुत अधिक महत्व है। पूरे भारत वर्ष में 6 अप्रैल को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।

मौनी अमावस्या पर स्नान के शुभ मुहूर्त

माघ मास की अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को लेकर कई तरह की धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि इस दिन पितृ देवता धरती पर आते हैं और अपने वंशजों के द्वारा किए गए पिंडदान से प्रसन्न होते हैं।

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