नवीनतम लेख

बधैया बाजे आँगने में (Badhaiya Baje Angane Mein)

बधैया बाजे आँगने में,

बधैया बाजे आँगने मे ॥


चंद्रमुखी मृगनयनी अवध की,

तोड़त ताने रागने में,

बधैया बाजे आँगने मे ॥


प्रेम भरी प्रमदागन नाचे,

नूपुर बाँधे पायने में,

बधैया बाजे आँगने मे ॥


न्योछावर श्री राम लला जु,

नहिं कोऊ लाजत माँगने में,

बधैया बाजे आँगने मे ॥


सियाअली यह कौतुक देखत,

बीती रजनी जागने में,

बधैया बाजे आँगने मे ॥


बधैया बाजे आँगने में,

बधैया बाजे आँगने मे ॥

हरि हरि हरि सुमिरन करो (Hari Hari Hari Sumiran Karo)

हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो,
हरि चरणारविन्द उर धरो

आयेगा मेरा श्याम, लीले चढ़ करके (Aayega Mera Shyam. Lile Chadh Karke)

दिल से जयकारा बोलो,
संकट में कभी ना डोलो,

मै चाहूं सदा दर तेरे आना (Main Chahu Sada Dar Tere Aana)

मैं चाहूँ सदा दर तेरे आना,
तू यूँ ही बुलाना दातिए,

गोवर्धन पूजन कथा (Govardhan Pujan Katha)

द्वापर युग की बात हैं भगवान कृष्ण के अवतार के समय भगवान ने गोवर्धन पर्वत का उद्धार और इंद्र के अभिमान का नाश भी किया था।