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सजा दों उज्जैनी दरबार (Saja Do Ujjaini Darbar)

सजा दो उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


दोहा – करता करे ना कर सके,

शिव करे सो होय,

तीन लोक नौखंड में,

शिव से बड़ा ना कोय ॥


सजा दो उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

लगे क्षिप्रा भी गंगा सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


पखारों इनके चरणों को,

बहाकर प्रेम की गंगा,

बहाकर प्रेम की गंगा,

पिला दो विष को अमृत सा,

पिला दो विष को अमृत सा,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


तुम आकर फिर नहीं जाना,

मेरी इस सुनी दुनिया से,

मेरी इस सुनी दुनिया से,

रमा दो भस्म भूतों सी,

रमा दो भस्म भूतों सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

लगे क्षिप्रा भी गंगा सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


उड़ उड़ जा रे पंछी (Ud Ud Ja Re Panchhi )

उड़ उड़ जा रे पंछी,
मैया से कहियो रे,

महातारा जयंती कब है?

हिंदू धर्म में माता महातारा को आदि शक्ति का एक दिव्य और शक्तिशाली रूप माना जाता है। दस महाविद्याओं में से एक, महातारा देवी को ज्ञान, सिद्धि और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है।

धारा तो बह रही है (Dhara Too Beh Rahi Hai)

धारा तो बह रही है,
श्री राधा नाम की,

क्या है शनि प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का काफ़ी खास माना गया है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है।

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