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सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे(Satguru Mere Kalam Hath Tere)

सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

हत्था ते लिख दे सेवा गुरा दी,

सेवा गुरा दी सेवा गुरा दी,

सेवा करदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


पैरा च लिख दे सत्संग जाना,

सत्संग जाना सत्संग जाना,

सत्संग जांदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


अखा च लिख दे दर्शन प्यारे,

दर्शन प्यारे दर्शन प्यारे,

दर्शन करदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


स्वासा च लिख दे नाम गुरा दा,

नाम गुरा दा नाम गुरा दा,

नाम जपदी कदे वी ना थका,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,


सतगुरु मेरे कलम हाथ तेरे,

के सोहने सोहने लेख लिख दे,

मैं वारि मैं वारि वारि जावा,

के सोहने सोहने लेख लिख दे

स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

आदियोगी दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi door us aakash ke gaharaiyon mein)

दूर उस आकाश की गहराइयों में,
एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,

हे रोम रोम मे बसने वाले राम(Hey Rom Rom Main Basne Wale Ram)

हे रोम रोम मे बसने वाले राम
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,

हरि नाम के रस को पी पीकर (Hari Naam Ke Ras Ko Pee Peekar)

हरि नाम के रस को पी पीकर,
आनंद में जीना सीख लिया,

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