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सुनलो बाबा बजरंगी, मैं कैसे तुझे रिझाऊं (Sunlo Baba Bajrangi Main Kaise Tujhe Rijhaun)

सुनलो बाबा बजरंगी,

मैं कैसे तुझे रिझाऊं,

चरणों में मुझे बिठा लो,

मैं तुमसे इतना चाहूँ,

राम सियाराम सियाराम सियाराम,

राम सियाराम सियाराम सियाराम ॥


इस जग में भटक रहा हूँ,

मैं दर दर मारा मारा,

फिर तेरे दर पर आकर,

मुझको है मिला सहारा,

उपकार किये तुम इतने,

मैं कैसे तुझे गिनाऊँ,

चरणों में मुझे बिठा लो,

मैं तुमसे इतना चाहूँ,

राम सियाराम सियाराम सियाराम,

राम सियाराम सियाराम सियाराम ॥


कोई खीर चूरमा लावे,

कोई सवा मणि करवावे,

कोई छप्पन भोग लगाकर,

मेरे बाबा तुझे रिझावे,

मैं तो निर्धन हूँ बाबा,

दो आंसू ही भेंट चढ़ाऊँ,

चरणों में मुझे बिठा लो,

मैं तुमसे इतना चाहूँ,

राम सियाराम सियाराम सियाराम,

राम सियाराम सियाराम सियाराम ॥


हो संकट मोचन तुम ही,

संकट से मुझे उबारो,

आये दर दीन दुखी को,

भव सागर से तुम तारो,

‘दीपक’ दरबार में तेरे,

आकर के प्रभु जगाऊँ,

चरणों में मुझे बिठा लो,

मैं तुमसे इतना चाहूँ,

राम सियाराम सियाराम सियाराम,

राम सियाराम सियाराम सियाराम ॥


सुनलो बाबा बजरंगी,

मैं कैसे तुझे रिझाऊं,

चरणों में मुझे बिठा लो,

मैं तुमसे इतना चाहूँ,

राम सियाराम सियाराम सियाराम,

राम सियाराम सियाराम सियाराम ॥

रसिया को नार बनावो री रसिया को(Rasiya Ko Naar Banavo Ri Rasiya Korasiya Ko)

बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे
होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी

मां नर्मदा की पूजा-विधि

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गोवर्धन पूजा की कथा

गोवर्धन पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण की महिमा और उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम का उत्सव मनाता है। इस त्योहार के दौरान, एक पारंपरिक प्रथा है जिसमें गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है।

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया - भजन (Brij Ke Nandlala Radha Ke Sanwariya)

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया ।