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धुला लो पाँव राघव जी, अगर जो पार जाना है (Dhul Lo Paanv Raghav Ji Agar Jo Paar Jana Hai)

धुला लो पाँव राघव जी,

अगर जो पार जाना है,

पार करते हो सब जग को,

पार करते हो सब जग को,

नाव का तो बहाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


तुम्हारे चरणों की धूलि,

सुना है जादू करती है,

जो छू जाए अगर पत्थर,

तो सुन्दर नारी बनती है,

तो सुन्दर नारी बनती है,

जो पत्थर नारी बन जाए,

काठ का क्या ठिकाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


हमारी नाव ही परिवार का,

अंतिम सहारा है,

बिना इसके ओ राघव जी,

कहाँ मेरा गुजारा है,

कहाँ मेरा गुजारा है,

ये नैया जिंदगी मेरी,

ना कोई भी ठिकाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥


धुला लो पाँव राघव जी,

अगर जो पार जाना है,

पार करते हो सब जग को,

पार करते हो सब जग को,

नाव का तो बहाना है,

धुला लो पांव राघव जी,

अगर जो पार जाना है ॥

सफला एकादशी की व्रत कथा

पौष माह के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का काफ़ी महत्व होता है।

मुझे कैसी फिकर सांवरे साथ तेरा है गर सांवरे (Mujhe Kaisi Fikar Saware Sath Tera Hai Gar Saware)

मुझे कैसी फिकर सांवरे,
साथ तेरा है गर सांवरे,

रमतो भमतो जाय, आज माँ नो गरबो(Ramto Bhamto Jay Aaj Maa No Garbo)

रमतो भमतो जाय,
आज माँ नो गरबो रमतो जाय,

ओ जंगल के राजा, मेरी मैया को ले के आजा (O Jungle Ke Raja Meri Maiya Ko Leke Aaja)

ओ जंगल के राजा,
मेरी मैया को ले के आजा,