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तन के तम्बूरे में, दो सांसो की तार बोले - भजन (Tan Ke Tambure Me Do Sanso Ki Tar Bole)

तन तम्बूरा, तार मन,

अद्भुत है ये साज ।

हरी के कर से बज रहा,

हरी ही है आवाज ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


अब तो इस मन के मंदिर में,

प्रभु का हुआ बसेरा ।

मगन हुआ मन मेरा,

छूटा जनम जनम का फेरा ।

मन की मुरलिया में,

सुर का सिंगार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


लगन लगी लीला धारी से,

जगी रे जगमग ज्योति ।

राम नाम का हीरा पाया,

श्याम नाम का मोती ।

प्यासी दो अंखियो में,

आंसुओ के धार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना ।

जाना है मुझे माँ के दर पे (Jana Hai Mujhe Maa Ke Dar Pe)

जाना है मुझे माँ के दर पे,
सुनो बाग के माली,

कब है बसंत पंचमी 2025?

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बहुत खास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

अयोध्या सज रही सारी, अवध में राम आये है (Ayodhya Saj Rahi Saari, Awadh Me Ram Aaye Hai)

खुशी सबको मिली भारी,
अवध में राम आये है,