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तन के तम्बूरे में, दो सांसो की तार बोले - भजन (Tan Ke Tambure Me Do Sanso Ki Tar Bole)

तन तम्बूरा, तार मन,

अद्भुत है ये साज ।

हरी के कर से बज रहा,

हरी ही है आवाज ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


अब तो इस मन के मंदिर में,

प्रभु का हुआ बसेरा ।

मगन हुआ मन मेरा,

छूटा जनम जनम का फेरा ।

मन की मुरलिया में,

सुर का सिंगार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


लगन लगी लीला धारी से,

जगी रे जगमग ज्योति ।

राम नाम का हीरा पाया,

श्याम नाम का मोती ।

प्यासी दो अंखियो में,

आंसुओ के धार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।


तन के तम्बूरे में दो,

सांसो की तार बोले ।

जय सिया राम राम,

जय राधे श्याम श्याम ।

ओ रामजी तेरे भजन ने, बड़ा सुख दीना (O Ram Ji Tere Bhajan Ne Bada Sukh Dina)

ओ रामजी तेरे भजन ने,
बड़ा सुख दीना,

दिसंबर माह के प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भगवान शिव की साधना करने वाले साधक को पृथ्वी लोक के सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है।

मेरो गोपाल झूले पलना (Mero Gopal Jhule Palna)

मेरो गोपाल झूले पलना,
मदन गोपाल झूले पलना,

तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी (Tumhein Har Ghadi Maa Pyar Karegi)

तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,