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मैं तो बन के दुल्हन आज सजी: भजन (Main To Banke Dulhan Aaj Saji)

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में,

मैं तो बन के दुल्हन आज सजी,

बस तुम ही हो मेरे तन मन में,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥


मैं दर दर तुझको खोज रही,

हाँ पल पल तुझको सोच रही,

तेरी प्रीत में जीवन अर्पण है,

मेरी भक्ति का तू दर्पण है,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥


जब मधुर मुरलिया बाजेगी,

अधरों पर खुशियाँ साजेगी,

तेरी छवि जो निहारूँ अंतस में,

तेरा वास दिखे मुझे कण कण में,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥


श्यामा रास रचाने आओ ना,

प्रभु नटखट लीला दिखाओ ना,

‘स्वस्ति’ नाम जपे श्यामा श्यामा,

मिले सबको पनाह तेरे चरणन में,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥


श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में,

मैं तो बन के दुल्हन आज सजी,

बस तुम ही हो मेरे तन मन में,

श्यामा आन बसो वृंदावन में,

मेरी उमर बीत गई गोकुल में ॥

चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट (Chitrakoot Ke Ghat Ghat Par Shabri Dekhe Baat)

चित्रकूट के घाट घाट पर,
शबरी देखे बाट,

गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का संबंध

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का विशेष संबंध सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है।

मीरा दीवानी हो गयी रे (Meera Deewani Ho Gayi Re..)

मीरा दीवानी हो गयी रे, मीरा दीवानी हो गयी ।
मीरा मस्तानी हो गयी रे, मीरा मस्तानी हो गयी ॥

कितना सोणा है दरबार, भवानी तेरा (Kitna Sona Hai Darbar Bhawani Tera)

कितना सोणा है दरबार,
भवानी तेरा ये सिणगार,