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मैया सुनले मेरी अरदास (Maiya Sun Le Meri Ardas)

मैया सुनले मेरी अरदास,

सहारा मुझे दे दातिए,

मैं भी हार के आया तेरे पास,

सहारा मुझे दे दातिए,

मैया सुनलें मेरी अरदास,

सहारा मुझे दे दातिए ॥


कहते है सारे तू है सबका सहारा,

तेरे दर आता दुनिया का हर हारा,

कहते है सारे तू है सबका सहारा,

तेरे दर आता दुनिया का हर हारा,

तेरे हाथों में है मैया मेरी लाज,

सहारा मुझे दे दातिए,

मैया सुनलें मेरी अरदास,

सहारा मुझे दे दातिए ॥


दुनिया ने तेरे होते मुझे ठुकराया,

तुझपे भरोसा कर तेरे दर आया,

दुनिया ने तेरे होते मुझे ठुकराया,

तुझपे भरोसा कर तेरे दर आया,

मेरा टूटे नहीं माँ विश्वास,

सहारा मुझे दे दातिए,

मैया सुनलें मेरी अरदास,

सहारा मुझे दे दातिए ॥


तेरे मन में है क्या ये तो तू ही जाने,

पर मेरा दिल मैया इतना ही माने,

मुझे रख लेगी अपने तू साथ,

सहारा मुझे दे दातिए,

मैया सुनलें मेरी अरदास,

सहारा मुझे दे दातिए ॥


मैया सुनले मेरी अरदास,

सहारा मुझे दे दातिए,

मैं भी हार के आया तेरे पास,

सहारा मुझे दे दातिए,

मैया सुनलें मेरी अरदास,

सहारा मुझे दे दातिए ॥

मै तो लाई हूँ दाने अनार के (Main To Layi Hu Daane Anaar Ke)

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के,
मेरी मैया के नौ दिन बहार के ॥

सब रस रंग भरे है, रामायण जी में (Sab Ras Rang Bhare Hain Ramayan Ji Mein)

सब रस रंग भरे है,
रामायण जी में,

शरण तेरी आयों बांके बिहारी (Sharan Teri Aayo Banke Bihari)

शरण तेरी आयो बांके बिहारी,
शरण तेरी आयों बांके बिहारी ॥

क्यों मनाई जाती है गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, जानें इस दिन का महत्व

हर महीने की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है, लेकिन मार्गशीर्ष मास की चतुर्थी तिथि को विशेष रूप से गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के रूप में मनाई जाती है।