नवीनतम लेख

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी (Thumak Thumak Kar Chal Bhawani)

॥ दोहा ॥

सिंह चढी देवी मिले,

गरूड़ चढे भगवान ।

बैल चढ़े शंकर मिले,

पूरण सिद्ध हो काम ॥


ठुमक ठुमक कर चालें भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा,

थारा बालकिया बुलावे,

वेगा आवजो हो माँ ॥


घेर घुमेरो पेरो घाघरो,

ओढ़न दिखणी रो चीर,

भवानी मेरी जगदम्बा,

रेशम की ओ मैया फेरो कोचलि,

ए माँ ओ माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


कुलचे कोंकल फेरो भवानी,

गले नावलखियो हार,

भवानी मारी जगदम्बा,

हातो में बाजूबंद माता,

फेरलो ऐ माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


पगा में फेर भवानी,

बिजिया री झनकार,

भवानी मारी जगदम्बा,

झांझर रे झनकारे वेगा,

आवजो हो माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


लाडू छाड़ू चूरमा माँ,

लुम्बडिया नारेल,

भवानी मारी जगदम्बा,

धूपों रे मेहकारे वेगा,

आवजो हो माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


थारी माता करू चाकरी,

जनम जनम रे माय,

भवानी मारी जगदम्बा,

आरतियों री वेला,

वेगा आवजो हो माँ,

ठुमक-ठुमक कर चाल भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा ॥


ठुमक-ठुमक कर चालें भवानी,

ले हातो तलवार,

भवानी मेरी जगदम्बा,

थारा बालकिया बुलावे,

वेगा आवजो हो माँ ॥

शिव की 11 प्रिय चीजें कौन सी हैं?

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हम भगवान शिव की महिमा और उनकी प्रिय चीजों के बारे में बात करने जा रहे हैं। भगवान शिव को आशुतोष कहा जाता है, जिसका अर्थ है तुरंत और तत्काल प्रसन्न होने वाले देवता।

महाशिवरात्रि के विशेष उपाय

महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पवित्र त्योहार आंतरिक शांति का प्रतीक है। इस दिन शिवभक्त उपवास, पूजा-अर्चना और रात्रि जागरण के माध्यम से भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

क्यों मनाते हैं सकट चौथ

सकट चौथ व्रत करने से भगवान गणेश जी प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के दुखों को हर लेते हैं। इस दिन माताएं अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और दीर्घायु की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। पूजा के दौरान व्रत कथा का पाठ करना बेहद आवश्यक माना गया है।

अरे माखन की चोरी छोड़ साँवरे मैं समझाऊँ तोय (Are Makhan Ki Chori Chhod Sanvare Main Samjhau Toye)

अरे माखन की चोरी छोड़,
साँवरे मैं समझाऊँ तोय,