नवीनतम लेख

श्याम खाटू वाले से मेरी पहचान हो गई - भजन (Shyam khatu wale se meri pahachan ho gai)

श्याम खाटू वाले से,

मेरी पहचान हो गई,

मुश्किल बड़ी थी मेरी,

मंजिल आसान हो गई,

श्याम खाटू वालें से,

मेरी पहचान हो गई ॥


जो हार के दर पे आया,

बाबा की शरण वो पाया,

इनका शुकर मनाये हम,

दर पे सर झुकाए हम

देखके इनकी दातारी,

मैं हैरान हो गई,

श्याम खाटू वालें से,

मेरी पहचान हो गई ॥


पिछले जनम के अच्छे करम,

हो गया अपना श्याम मिलन,

भक्तों के अरमा मचले,

ख़ुशी के आंसू निकले,

इनकी दया से अपनी,

आन बान शान हो गई,

श्याम खाटू वालें से,

मेरी पहचान हो गई ॥


इनका सर पे हाथ रहे,

हर पल इनका साथ रहे,

प्रेम का धागा टूटे ना,

बाबा हमसे रूठे ना,

‘चोखानी’ कहे ‘अंजलि’ तेरी,

थोड़ी पहचान हो गई,

श्याम खाटू वालें से,

मेरी पहचान हो गई ॥


श्याम खाटू वाले से,

मेरी पहचान हो गई,

मुश्किल बड़ी थी मेरी,

मंजिल आसान हो गई,

श्याम खाटू वालें से,

मेरी पहचान हो गई ॥


ध्यानु की तरह अम्बे, मेरा नाम अमर कर दो (Dhyanu Ki Tarah Ambe Mera Naam Amar Kardo)

ध्यानु की तरह अम्बे,
मेरा नाम अमर कर दो,

ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी (Dhank Lai Yashoda Najar Lag Jayegi)

ढँक लै यशोदा नजर लग जाएगी
कान्हा को तेरे नजर लग जाएगी ।

ललिता जयंती पर होती है राधा रानी की सबसे प्रिय सखी की पूजा, जानिए क्या है पौराणिक महत्व

हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण और राधा को प्रेम का प्रतीक माना गया है।

तेरी माया का ना पाया कोई पार, की लीला तेरी तु ही जाने(Teri Maya Ka Na Paya Koi paar ki Leela Teri Tu Hi Jaane)

तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने,