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तुम से लागी लगन.. पारस प्यारा (Tumse Lagi Lagan Le Lo Apni Sharan Paras Pyara)

तुम से लागी लगन,

ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,

मेटो मेटो जी संकट हमारा ।

निशदिन तुमको जपूँ,

पर से नेह तजूँ, जीवन सारा,

तेरे चरणों में बीत हमारा ॥टेक॥


अश्वसेन के राजदुलारे,

वामा देवी के सुत प्राण प्यारे।

सबसे नेह तोड़ा,

जग से मुँह को मोड़ा,

संयम धारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


इंद्र और धरणेन्द्र भी आए,

देवी पद्मावती मंगल गाए ।

आशा पूरो सदा,

दुःख नहीं पावे कदा,

सेवक थारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


जग के दुःख की तो परवाह नहीं है,

स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है।

मेटो जामन मरण,

होवे ऐसा यतन,

पारस प्यारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊँ,

जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ ।

‘पंकज’ व्याकुल भया,

दर्शन बिन ये जिया लागे खारा ॥

मेटो मेटो जी संकट हमारा ॥


तुम से लागी लगन,

ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा,

मेटो मेटो जी संकट हमारा ।

ब्रह्मानंदम परम सुखदम (Brahamanandam, Paramsukhdam)

ब्रह्मानंदम परम सुखदम,
केवलम् ज्ञानमूर्तीम्,

भीष्म अष्टमी पर करें गंगा स्नान

भीष्म अष्टमी सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह दिन विशेष रूप से पितरों को समर्पित होता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके वंश में संतान नहीं होती। यह पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

त्रिपुर भैरवी जयन्ती के उपाय

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली त्रिपुर भैरवी जयंती एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है, जो माता काली के शक्तिशाली स्वरूप त्रिपुर भैरवी की महिमा को दर्शाता है।

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है(Gajanand Maharaj Padharo Kirtan Ki Taiyari Hai)

प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात,
मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥

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