नवीनतम लेख

वन्दे मातरम् - राष्ट्रगीत (Vande Mataram - National Song)

भारत का राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित था। यह वन्दे मातरम गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय क्रान्तिकारियों के लिए बहुत बड़ा प्रेरणास्रोत बना हुआ था।


वन्दे मातरम्

सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

शस्यशामलां मातरम् ।

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं

फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं

सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं

सुखदां वरदां मातरम् ॥ १ ॥

वन्दे मातरम् ।


कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले

कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,

अबला केन मा एत बले ।

बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं

रिपुदलवारिणीं मातरम् ॥ २ ॥

वन्दे मातरम् ।


तुमि विद्या, तुमि धर्म तुमि हृदि,

तुमि मर्म त्वं हि प्राणा:

शरीरे बाहुते तुमि मा शक्ति,

हृदये तुमि मा भक्ति,

तोमारई प्रतिमा गडि मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ॥ ३ ॥

वन्दे मातरम् ।


त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी

कमला कमलदलविहारिणी वाणी विद्यादायिनी,

नमामि त्वाम् नमामि कमलां

अमलां अतुलां सुजलां सुफलां मातरम् ॥ ४ ॥

वन्दे मातरम् ।


श्यामलां सरलां सुस्मितां

भूषितां धरणीं भरणीं मातरम् ॥ ५ ॥

वन्दे मातरम् ॥


- बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय

उज्जैन में विराजे, महाकाल प्यारे प्यारे (Ujjain Mein Viraje Mahakal Pyaare Pyaare)

उज्जैन में विराजे,
महाकाल प्यारे प्यारे,

भक्त तेरे बुलाये हनुमान रे (Bhakt Tere Bulaye Hanuman Re)

भक्त तेरे बुलाये हनुमान रे,
तुझे आज रे,

चलो मम्मी-पापा चलो इक बार ले चलो (Chalo Mummy Papa Ik Baar Le Chalo)

चलो मम्मी चलो पापा चलो मम्मी चलो पापा
चलो मम्मी चलो इक बार ले चलो

कबहुँ ना छूटी छठि मइया (Kabahun Na Chhooti Chhath)

कबहुँ ना छूटी छठि मइया,
हमनी से बरत तोहार